राजिम/ गरियाबंद जिले के राजिम नगर में स्थित आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय का एक बड़ा सनसनीखेज मामला सामने आया है। स्कूल के बच्चों ने शिक्षक पर आरोप लगाया है। बच्चे ने कहा की शिक्षक शराब पीकर कर विद्यालय में पढ़ाने आते हैं। जब बच्चों से पत्रकार द्वारा सामान्य जानकारी पूछी जा रहा था, की आप क्या बनना चाहते हैं? प्रदेश के मुख्यमंत्री का क्या नाम है? उसी बीच एक साहसी बच्चे ने अपने साहस का परिचय देते हुए कहा की सर हमारे स्कूल में एक शिक्षक शराब पीकर हमें पढ़ाते हैं। इस बात को सुनकर हमारे साथी पत्रकार चौक गए। फिर उन्होंने पूछा कि शिक्षक कौन सा विषय पढ़ाते हैं बच्चे ने कह की हिंदी विषय पढ़ाते हैं। बच्चे से पूछा गया की आप उस शिक्षक को दिखा सकते हैं। बच्चे ने इशारे से उस शिक्षक को दिखाया जो रोज शराब का सेवन कर पढ़ाने आते हैं। यह एक गंभीर मामला है। शिक्षा के पावन मंदिर पर एक शिक्षक द्वारा शराब पीकर पढ़ाना हमारी शिक्षा व्यवस्था को शर्मसार कर रही है। शिक्षक के इस गंभीर कृत्य पर आखिर हमने विद्यालय के प्राचार्य से बात की तो उन्होंने कहा की – इस बात की शिकायत मुझसे पूर्व में की गई है। मेरे द्वारा शिक्षक को समझाईश दी गई है, उन्होंने आश्वासन दिया की ऐसी गलती दुबारा नहीं होगी।
शिक्षा में सुधार हेतु आत्मानंद स्कूल सरकार की महत्त्वाकांक्षी योजना
पूरे प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था के सुधार को लेकर सरकार के द्वारा स्वामी आत्मानंद योजना के तहत प्रदेश के हर ब्लॉक में अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोले जा रहे हैं।इसी योजन में विस्तार देते हुए आत्मानंद उत्कृष्ट हिंदी माध्यम विद्यालय भी खोले जा रहे हैं। जिसकी मांग पूरे प्रदेश में की जा रही है।
शिक्षा व्यवस्था हो रही शर्मसार, आखिर ऐसे हालात में कैसे होगा शिक्षा का विकास
सरकारी स्कूल में शराब का सेवन कर बच्चों को पढ़ाने का यह पहला मामला नहीं है, इस तरह की खबरें पूरे प्रदेश में आम हो चुकी हैं। अगर शिक्षा के पावन मंदिर में शिक्षक शराब सेवन करके पढ़ाएंगे तो शिक्षा का क्या हाल होगा?आखिर इस तरह के वातावरण में बच्चे खुद को कैसे सहज महसूस कर पाएंगे?उनके मानसिक और बौद्धिक स्तर पर बहुत ही बुरा असर पड़ेगा।आपको बता दें की पूरे देश में प्रदेश के शिक्षा का स्तर बहुत ही खराब है। सरकार घोषणा पत्र में शराब बंदी का वादा की हुई है। जो अभी तक पूरा नहीं किया गया है। अधिकतर सरकारी कार्यालयों में शराब पीकर ड्यूटी करना आम बात बना हुआ है। सरकार को चाहिए की ऐसे कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई करे।