राजिम पंचकोशी यात्रा के लिए बुधवार के शाम 4 बजे से ही प्रयाग नगरी राजिम एवं नवापारा तथा लोमश ऋषि आश्रम के पास यात्रीगण इकट्ठा हुए। यहीं रुककर भोजन बनाते रहे तथा भोजन प्राप्त क कर सो गए। ये लोग नगर के रानी धर्मशाला और यादव धर्मशाला में रुके हुए हैं। सुबह 4 बजे से ही उठकर राम नाम स्मरण करते हुए आगे की ओर बढ़े। सुबह यात्रीगण बाबा पटेश्वर नाथ की शरण लेंगे।
बताना होगा, कि पंचकोशी न परिक्रमा के अंतर्गत प्रत्येक शिव न पीठ 15 से 20 किलोमीटर की दूरी 5 पर स्थित है। यह भगवान राजीवलोचन की भूमि राजिम के न चारों ओर स्थित है। पटेवा ग्राम न राजिम से 7 किलोमीटर की दूरी पर पश्चिम दिशा में स्थित है। प्राचीन न पढ़नापुरी वर्तमान पटेवा ग्राम है। जहां भगवान पटेश्वरनाथ महादेव लिंग के रूप में विराजमान है।
कहा जाता है कि जो विधिपूर्वक पूजा अर्चना करके महा नदी के जल में रुद्राभिषेक करता है, वह समस्त पापों से मुक्त हो जाता है। यात्रा कर रहे मनीष, दिनेश, विशंभर, दीनदयाल, कमेश, महेंद्र, संतोष ने बताया कि पहली बार पंचकोशी यात्रा कर रहे हैं। भगवान महादेव की कृपा से यात्रा सफल हो हम प्रार्थना कर रहे हैं। इस यात्रा को पैदल चला जाता है। प्रतिदिन 15 से 20 किलोमीटर तक पैदल चलना बहुत बड़ी बात है। श्रद्धा और विश्वास में भोलेनाथ की कृपा से सब कुछ लाजिमी है उनकी कृपा हो जाए तो पहाड़ भी राई हो जाता है। यात्रा के लिए पहुंचे लक्ष्मी, सोनिया, रामति, पार्वती ने बताया कि वह दूसरी बार यह यात्रा कर रही है। यात्रा को लेकर उनमें उत्साह है, कि 19 तारीख तक भोलेनाथ की भक्ति करने का अवसर मिल रहा है। 12 जनवरी को पटेवा स्थित पटेश्वरनाथ महादेव, 13 जनवरी चंपारण के चंपकेश्वर नाथ महादेव, 14 जनवरी बम्हनी स्थित ब्रह्मकेश्वनाथ महादेव, 15 जनवरी फिंगेश्वर स्थित फणीकेश्वर नाथ महादेव, 16 जनवरी कोपरा कर्पूरेश्वर नाथ महादेव, 17 जनवरी लफंदी के औघड़नाथ महादेव, 18 जनवरी प्रयाग नगरी राजिम संगम स्थित कुलेश्वर नाथ महादेव तथा 19 जनवरी को पूजन अर्चना के साथ यात्रा का समापन होगा।