Home other बाबा पटेश्वर के धाम पहुंचे हजारों की संख्या में पंचकोशी यात्री, ॐ...

बाबा पटेश्वर के धाम पहुंचे हजारों की संख्या में पंचकोशी यात्री, ॐ नमः शिवाय के जयकारों से गूंजा बाबा का धाम, देखें पूरा वीडियो…

138
0

प्रदेश में पंचकोशी की यात्रा प्रारंभ हो चुकी है पंचकोशी यात्रियों का कल रात से ही धर्म नगरी राज्य में आना शुरू हो गया था। आज ग्राम पटेवा स्थित श्री पटेश्वर नाथ महादेव से प्रारंभ हुआ। आज बाबा पटेश्वर नाथ महादेव के दर्शन को तालाब में स्नान कर यात्री सुबह से ही पहुंच गए। श्रद्धालुओं द्वारा लोटे से जल लाकर महादेव का स्नान कराया गया। जिसके बाद भगवान की धूप दीप और अगरबत्ती आदि से पूजा अर्चना की गई। श्रद्धालुओं के द्वारा ॐ नमः शिवाय का जयकारा लगाया गया जिससे पूरा प्रांगण गूंज उठा। युवा साथी एवं बाबा बटेश्वर नाथ समिति के सदस्यों के द्वारा बाबा के धाम में पहुंचे श्रद्धालुओं के लिए ठहरने हेतु पंडाल एवं भोग भंडारे आदि की व्यवस्था की गई थी। जिसमें गांव के युवा स्वयंसेवी गजेंद्र साहू,भागवत साहू,रमाकांत साहू,नवीन साहू,एशकुमार साहू,अमित साहू,पंकज साहू,रोहित साहू,निखिल साहू,धनेश्वर साहू आदि उपस्थित थे। पंचकोशी यात्रा 13 जनवरी चंपारण के चंपकेश्वर नाथ महादेव, 14 जनवरी बम्हनी स्थित ब्रह्मकेश्वनाथ महादेव, 15 जनवरी फिंगेश्वर स्थित फणीकेश्वर नाथ महादेव, 16 जनवरी कोपरा कर्पूरेश्वर नाथ महादेव, 17 जनवरी लफंदी के औघड़नाथ महादेव, 18 जनवरी प्रयाग नगरी राजिम संगम स्थित कुलेश्वर नाथ महादेव तथा 19 जनवरी को पूजन अर्चना के साथ यात्रा का समापन होगा।


पंचकोशी यात्रा का महत्व पंचकोसी यात्रा का प्राचीन और पौराणिक महत्व है, जिसके बारे में कहानी इस प्रकार है –

एक बार विष्णु ने विश्वकर्मा से कहा कि धरती पर वे एक ऐसी जगह उनके मंदिर का निर्माण करेंे, जहां पांच कोस के अन्दर शव न जला हो। अब विश्वकर्मा जी धरती पर आए, और ढूंढ़ते रहे, पर ऐसा कोई स्थान उन्हें दिखाई नहीं दिया। उन्होंने वापस जाकर जब विष्णु जी से कहा तब विष्णु जी एक कमल के फूल को धरती पर छोड़कर विश्वकर्मा जी से कहा कि “”यह जहां गिरेगा, वहीं हमारे मंदिर का निर्माण होगा”। इस प्रकार कमल फूल के पराग पर विष्णु भगवान का मन्दिर है और पंखुड़ियों पर पंचकोसी धाम बसा हुआ है। कुलेश्वर नाथ (राजिम) चम्पेश्वर नाथ (चम्पारण्य) ब्राह्मकेश्वर (ब्रह्मणी), पाणेश्वर नाथ (किंफगेश्वर) कोपेश्वर नाथ ( कोपरा)।
यात्रा से मिटते हैं पाप और मिलती है पुण्य की प्राप्ति

अगर कोई भी श्रद्धालु सच्ची श्रद्धा के साथ इस यात्रा को पूर्ण करता है तो उसके समस्त पाप कटते हैं। उसे असाध्य से असाध्य रोगों से मुक्ति मिलती है और उसके मनवांछित फल की प्राप्ति होती है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here