चिटफंड और नागरिक आपूर्ति निगम घोटाले के पुराने आरोपों में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री के बीच जुबानी जंग तीखी होती जा रही है। रमन सिंह पर चिटफंड घोटालों का आरोप लगाकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ED से जांच कराने की मांग उठाई तो पूर्व मुख्यमंत्री उनकी मांग का समर्थन कर दिया। अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है, रमन सिंह यह मांग प्रधानमंत्री से कर लें।
दिल्ली रवाना होने से पहले प्रेस से बात करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, ED, DRI, CBI जितनी सेंट्रल एजेंसियां हैं, सबका सम्मान करता हूं। लेकिन ED वहीं छापा क्यों मारती है, जहां गैर भाजपा सरकार है। छत्तीसगढ़ भी आती है। एक तरफ नेशनल हेराल्ड केस है, जहां पैसे का लेनदेन नहीं हुआ, लेकिन ED जांच कर रही है।
छत्तीसगढ़ में छह-साढे छह हजार करोड़ रुपया गरीब जनता का चिटफंड कंपनियां लूट कर भाग गईं। हम मेहनत करके 40 करोड़ रुपया वापस कराए। रमन सिंह और उनके पूरे परिवार के लोग उन कंपनियों के ब्रांड एंबेसडर बने हुए थे। उनके लड़के के खिलाफ कोर्ट के आदेश पर एफआईआर भी दर्ज है। अब एफआईआर दर्ज हो गया है तो ED जांच करे।
अब अगर रमन सिंह कहते हैं कि ED से जांच कराएं तो बहुत अच्छी बात है। लिखकर दे दें। लिखित में मांग करें प्रधानमंत्री से, गृह मंत्री से। हम भी चाहते हैं यह बोलने भर से नहीं होगा, लिखकर दें। वे गृह मंत्री से मिलते हैं, प्रधानमंत्री से मिलते हैं तो उनसे यह मांग करें कि इस मामले की ED से जांच कराएं।
पूछा-ED कब बताएगी कि सीएम सर और सीएम मैडम कौन?
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के आरोपों के जवाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, घोटालों का प्रमाण है। आखिर नान घोटाले में जांच कर रहे थे तो उनके ही नेता प्रतिपक्ष ने हाईकोर्ट जाकर रोक लगवा दी। स्टे लिया है। नान घोटाले में ED कब बताएगी। वह तो जांच कर रही है ना नान घोटाले की, तो बताए कि सीएम सर और सीएम मैडम कौन हैं।
यहां से शुरू हुआ तीखे बयानों का यह सिलसिला
कांग्रेस ने 21 जुलाई को ED के क्षेत्रीय कार्यालय का घेराव किया था। यहां प्रेस से बातचीत में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह पर कई घोटालों के आरोप लगाए। उन्होंने चुनौती देकर कहा कि ED इन घोटालों की जांच क्यों नहीं करती। नान घोटाले की एफआईआर तो ED के पास ही है। जवाब में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने चुनौती दी कि एक भी आरोप साबित हो गया तो वे सार्वजनिक जीवन से संन्यास ले लेंगे। विधानसभा में भी दोनों ओर से यह बात उठी। उसके बाद बात सोशल मीडिया के जरिए अधिक तीखी होती गई।