नवापारा राजिम – स्थानीय नवापारा सहित अंचल में माताओ ने हल षष्ठी पर्व उत्साह के साथ मनाया. संतान की चाह एवं अपने पुत्र पुत्रियों के दीर्घायु के लिए माताओ ने कमरछठ का कठिन उपवास रखा । भाद्रपद मास के षष्ठी तिथि को मनाई जाने वाली इस पर्व को लेकर माताओ के अंदर काफ़ी उत्साह इस दौरान देखने को मिली. हल षष्ठी के अवसर पर व्रत धारी माताए बुधवार को सभी मां अपने सुविधा या मुहूर्त को ध्यान में रखते हुए कमर छठ पूजा स्थल में पहुंची और वहां बने सगरी मैं पूरी विधि विधान से पूजा अर्चना कर पुत्र एवं पुत्र की दीर्घायु के लिए कामना की. वही प्रसाद रूप में लाई , महुआ , चना इत्यादि का भोग लगाते हुए और सगरी के समीप बैठकर ब्राह्मण द्वारा कमरछठ माता की कहानी भी सुनी.
वही पूजन पश्चात घर मे अपने पुत्र पुत्रियों के पीठ में कपड़े के बने पोथी को 7 बार स्पर्श किये. ज्ञात हो की घर का बेटा बेटी कितने बड़े क्यों ना हो जाए, यह परंपरा सभी निभाते आ रहे है. उपवास रखने वाली माताओ ने पसहर चावल के साथ सात प्रकार के भाजी जो भूमि पर अपने आप उग आए हो उसका सेवन किया, साथ ही इस उपवास में पवित्र भैंसी का दूध , दही , घी , का प्रयोग किया जाता है. हल षष्ठी को लेकर व्रती श्रीमती लक्ष्मी चौहान ने कहाकि यह उपवास संतान की चाह रखने वाले मां के लिए फलदायक और सर्वोत्तम होती है । इसीलिए अनादि काल से यह व्रत की महिमा चली आ रही है.उन्होंने कहाकि इस संसार में माँ एक ऐसा शब्द है जिसे कोई परिभाषित नहीं कर सकता. किसी विद्वान ने ठीक ही कहा था कि मां अपने पुत्र-पुत्रियों को हर परिस्थिति में दीर्घायु और सुखी देखना चाहती है. उन्होंने सभी महिलाओ को इस पर्व की बधाई दी।