झारखण्ड :बता दे कि अब से कुछ देर बाद राजभवन की ओर से दिशा निर्देश जारी हो सकते हैं। आपको बता दें कि सोरेन की विधानसभा की सदस्यता रहेगी या जाएगी, यह फैसला छत्तीसगढ़ की एक शख्सियत के हाथों में है। छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ भाजपा नेता रहे रमेश बैस यह फैसला लेंगे, जो अब झारखंड के राज्यपाल हैं। चुनाव आयोग ने जो सिफारिश भेजी है, उस पर अब राज्यपाल को फैसला लेना है। यदि विधानसभा की सदस्यता चली जाएगी तो सोरेन को सीएम बने रहने के लिए नए सिरे से चुनाव लडना होगा और जीतना होगा।
सीएम रहते पत्थर खदान आबंटन
वही हेमन्त सोरेन पर ऑफिस ऑफ प्रॉफिट कानून के तहत पूर्व सीएम रघुबर दास ने राज्यपाल से शिकायत की थी। इसमें उन्होंने बताया था की सीएम ने अपने नाम पत्थर खदान आवंटित किया है। इस पर राज्यपाल ने चुनाव आयोग को अभिमत देने कहा था। चुनाव आयोग ने सुनवाई के बाद अपना अभिमत बुधवार को राजभवन भेज दिया। उस समय राज्यपाल बैस दिल्ली में थे। वे जब लौटे तब मीडिया ने एयरपोर्ट पर ही उनके अगले कदम के बारे में जानना चाहा। तब राज्यपाल ने कहा कि वे बाहर थे, इसलिए उन्हें यह जानकारी नहीं है कि चुनाव आयोग ने क्या अभिमत दिया है। हालांकि बाद में राजभवन से कोई दिशा निर्देश नहीं मिला। अब सबकी निगाहें आज राज्यपाल बैस के फैसले की ओर है।