हिमाचल प्रदेश से लौटकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हड़ताली कर्मचारियों को सीधी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा, अब वह लोग हठधर्मिता छोड़कर काम पर लौट आएं। दो तारीख तक लौट आए तो कोई बात नहीं है। उसके बाद तो सर्विस ब्रेक भी होगा और तनख्वाह काटने की भी कार्रवाई होगी।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, कितने दिन तक हड़ताल करेंगे, अब वापस लौट आना चाहिए। छह प्रतिशत डीए तो पहले ही बढ़ा दिया गया है। अब हठधर्मिता छोड़ें और काम पर लौट आएं। मुख्यमंत्री से मुलाकात की कर्मचारियों की मांग पर भूपेश बघेल ने कहा, मुझसे मिलकर गए हैं, उसके बाद ही हड़ताल किए। पहले मिले तो मैंने कहा, छह परसेंट दे देंगे फिर से काम पर लौट गए। दूसरा ग्रुप भी आया तो मैंने कहा, चलो काम पर लौटो। मुझसे मिलकर ही तो हड़ताल में गए हैं। काम पर लौटो उसको बाद मिल लो, इसमें मुझे कोई तकलीफ थोड़े ही है। पहले काम पर लौटें तो सही। हड़ताल खत्म नहीं हाेने की स्थिति में कार्रवाई के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा, जो लौट आएंगे उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी। जो आदेश है वह तो है। एक-दो तारीख तक ज्वाइन कर लेते हैं तो कोई कार्रवाई नहीं होगी। उसके बाद सर्विस ब्रेक भी होगा और तनख्वाह काटने की भी कार्रवाई होगी।
मुख्यमंत्री ने बुधवार दोपहर सोशल मीडिया के जरिए कर्मचारियों से हड़ताल खत्म करने की अपील की थी। उनका कहना था, लोगों की आवश्यकता से जुड़े काम रुक जाने से जनता को असुविधा हो रही है। अत: आप सभी कर्त्तव्यों का निर्वहन करें। मुख्यमंत्री ने लिखा कि हमारी सरकार कर्मचारी हित के लिए सदैव तत्पर है। पुरानी पेंशन योजना उसका एक उदाहरण है। राज्य के वित्तीय संसाधनों को देखते हुए हम कर्मचारी हित में निर्णय लेते रहे हैं, आगे भी लेते रहेंगे।
सोमवार को GAD ने हड़ताल को कदाचार बताया था
सोमवार को ही सामान्य प्रशासन विभाग ने हड़ताल को सेवा आचरण नियमों के तहत कदाचार बताया था। इसमें कहा गया थाए जाे कर्मचारी 25 से 29 जुलाई तक भी हड़ताल पर थे और अब भी हड़ताल पर बैठे हैंए उनका अवकाश स्वीकृत न किया जाए। उतने दिनों तक का वेतन भुगतान नहीं किया जाए और अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए लिखा जाए।
हड़ताल में शामिल नहीं हुए कर्मचारियों को राहत देने की भी बात थी
मंगलवार को जारी एक परिपत्र में हड़ताल में शामिल नहीं हो रहे कर्मचारियों को राहत देने की कोशिश हुई थी। इसमें कहा गया थाए कई कर्मचारी अधिकारी काम पर लौटना चाहते हैं। उनकी सुरक्षा का इंतजाम किया जाए। वहीं 2 सितम्बर तक काम पर लौट आए कर्मचारी-अधिकारियों की हड़ताल अवधि की अनुपस्थिति को अवकाश स्वीकृत करते हुए वेतन भुगतान किया जाए।
भत्ता बढ़ाने के लिए हड़ताल पर हैं कर्मचारी
छत्तीसगढ़ के राज्य कर्मचारियों की यह हड़ताल भत्ता बढ़ाने की मांग के लिए है। कर्मचारी संगठन कई महीनों से केंद्र सरकार की तरह 34% महंगाई भत्ता देने की मांग कर रहे थे। उनकी मांग थी, इस दर तक पहुंचने के लिए उनका भत्ता 12% बढ़ाया जाना चाहिए। वहीं सातवें वेतनमान की सिफारिशों के मुताबिक मूल वेतन का 18% गृह भाड़ा भत्ता की मांग भी साथ-साथ उठी है। जुलाई में पांच दिनों की हड़ताल के बाद सरकार ने महंगाई भत्ते में 6% इजाफे का आदेश जारी कर दिया। वहीं गृह भाड़ा भत्ता के लिए आश्वासन हाथ आया। उसके बाद 22 अगस्त से कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए।