Home राजनीति झूठी वाहवाही लूटने की बीमारी से पीड़ित हैं भूपेश बघेल – केदार...

झूठी वाहवाही लूटने की बीमारी से पीड़ित हैं भूपेश बघेल – केदार कश्यप…

85
0


जगदलपुर। भाजपा प्रदेश महामंत्री केदार कश्यप ने राज्य के 12 जाति समूहों की अनुसूचित जनजाति में शामिल किए जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए इस उपलब्धि के लिए इन जाति समूहों को बधाई दी है तथा इन जाति समूहों को मामूली तकनीकि त्रुटियों के कारण आदिवासी हितलाभ से वंचित रखे जाने के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है |

केदार कश्यप ने कांग्रेस सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल झूठी वाहवाही लूटने की बीमारी से पीड़ित हैं। केंद्र सरकार के हर अच्छे निर्णय के लिए अपनी पीठ थपथपा लेते हैं। अब केंद्र सरकार ने भाजपा की पहल पर छत्तीसगढ़ के एक दर्जन जाति समुदाय को उनका वह अधिकार दिया है, जो कांग्रेस मिलने नहीं दे रही थी, तब भी भूपेश बघेल इसका जबरिया श्रेय लेने की प्रवृत्ति दिखाने से नहीं चूक रहे हैं। वे कह रहे हैं कि उन्होंने चिट्ठी लिखी थी। कमाल की बात है कि उनकी एक चिट्ठी पर छत्तीसगढ़ के वंचित जनजाति समूहों को प्रधानमंत्री ने वाजिब हक दे दिया। भूपेश बघेल उस समय कहां थे, जब मां बेटे की सरकार चल रही थी। तब डॉ मनमोहन सिंह को चिट्ठी लिखकर क्यों इन जनजातियों को उनका अधिकार नहीं दिला दिया? भूपेश बघेल को मुफ्त में यश लूटने की कोशिश करने की बजाय इन आदिवासियों से माफी मांगनी चाहिए कि कांग्रेस ने उन्हें उनके मूलभूत अधिकारों से वंचित रखा। दशकों तक इनका शोषण किया। अगर ऐसा नहीं होता तो अब तक ये काफी विकसित हो चुके होते। कांग्रेस केवल वोट बैंक की राजनीति करती है। कांग्रेस आदिवासी समाज का शोषण करती रही है और भाजपा आदिवासी समाज के हितों की रक्षा करना और सम्मान देना जानती है। ये वही भूपेश बघेल हैं जो आदिवासी राष्ट्रपति नहीं चाहते थे। ये वही कांग्रेस है जो आदिवासी महिला राष्ट्रपति को राष्ट्रपत्नी कहकर आदिवासी समाज का अपमान करती है।

भाजपा प्रदेश महामंत्री श्री कश्यप ने कहा कि भूपेश बघेल बतायें कि चिट्ठी लिखने के अलावा उन्होंने और क्या कुछ किया है? क्या कभी प्रधानमंत्री से मिलकर इन जनजातियों को उनका अधिकार देने आग्रह किया ? वे बतायें कि कांग्रेस के किस प्रतिनिधिमंडल ने कभी प्रधानमंत्री से कोई भेंट की ? भूपेश बघेल तो हर बात पर चिट्ठी लिख देते हैं लेकिन उनका कच्चा चिट्ठा यह है कि वे पेसा कानून का मसौदा बदलकर आदिवासी समाज से छल कर रहे हैं।
कांग्रेस की निर्लज्ज सरकार ने आदिवासियों को छलने के बाद फरवरी 2021 की चिट्ठी का जिक्र करते हुए बेशर्मी से श्रेय लेने का प्रयास किया है। अतः झूठा श्रेय लेने के बजाय भूपेश सरकार अपने पापों का प्रायश्चित करें।

केदार कश्यप ने छत्तीसगढ़ के 12 जाति समूहों को अनुसूचित जनजाति में शामिल किये जाने के लिए किए गए निरंतर प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा कि वर्ष 2020 में भाजपा सांसदों और नेताओं के प्रतिनिधि मंडल ने प्रधानमंत्री एवं विभागीय मंत्री से मुलाकात कर इन जातियों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग के साथ ही तथ्यों से अवगत करा दिया था। प्रतिनिधि मंडल के अथक प्रयास और आग्रह को प्रधानमंत्री और केन्द्र सरकार ने स्वीकार किया।

श्री कश्यप ने कहा कि वर्तमान कांग्रेस सरकार ने चुनाव से पहले पिछड़ा वर्ग समाज को 27% आरक्षण देने के वादे के साथ वोट लेकर पूर्ण बहुमत की सरकार बना ली परंतु पूरा कार्यकाल बीतने को है लेकिन पिछड़ा वर्ग को उनका संवैधानिक अधिकार अभी तक नहीं दिया जा रहा है, वहीं छलावा करने के नियत से केबिनेट में 27% आरक्षण लागू करने का ढोंग कर भूपेश बघेल के सरकार ने पीछे के रास्ते से उन्हीं के पार्टी के एक नेता से कोर्ट में स्टे लगवा दिया और बाद में स्टे लगाने के लिए उस कांग्रेसी वकील को कबीर मठ का अध्यक्ष बनाकर पुरूस्कृत किया गया।
भूपेश बघेल की सरकार को समाज के अंतिम लोगों के विकास से कोई सरोकार नहीं हैं वह सिर्फ़ अपना विकास जानते हैं, परन्तु उनके छल को हर वर्ग समझ चुका हैं एवम् आगामी चुनाव में सबक सिखाने का मन बना लिये हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here