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पहले राहुल गांधी बस्तर आकर झूठ बोल कर गए, अब प्रियंका आई,आगे कौन आएगा – केदार कश्यप

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जगदलपुर / क्या मुख्यमंत्री ने प्रियंका को बताया यहां 25 हजार शिशु स्वास्थ्य व्यवस्था के अभाव में दम तोड चुके है

आदिवासियों की जिस संस्कृति को श्रेष्ठ बता रही है प्रियंका, राज्य सरकार उसी को खत्म करने की कोशिश कर रही है –

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री केदार कश्यप ने कहा है कि कांग्रेस की महासचिव प्रियंका वाड्रा ने बस्तर के बहुप्रचारित भरोसे के सम्मेलन में अपने पूरे संबोधन में विरोधाभासी बातें कहकर बस्तर के भरोसे को तोड़ने का काम किया है। श्री कश्यप ने कहा कि प्रियंका वाड्रा ने बस्तर की वही झूठी तस्वीर देखी, जो ‘झूठों के सरताज’ ने उन्हें दिखाई। अच्छा होता, प्रियंका वाड्रा सरकारी आईने के बजाय पारदर्शी नजरों से बस्तर की तस्वीर को देखा होता। उन्होंने कहा कि पहले राहुल गांधी बस्तर आकर झूठ बोल कर गए,अब प्रियंका झूठ सुनने आई,आगे कौन आएगा।

भाजपा प्रदेश महामंत्री श्री कश्यप ने कहा कि जिस आदिवासी संस्कृति को प्रियंका वाड्रा ने सर्वश्रेष्ठ बताया, उस संस्कृति को ही नष्ट करने पर प्रदेश की कांग्रेस सरकार अमादा है। पूरा बस्तर आज अवैध धर्मांतरण की आग में झुलस रहा है और जबरन अवैध धर्मांतरण के घातक एजेंडे को प्रदेश सरकार अपने ‘खानदानी आकाओं’ के इशारे पर बेखौफ राजनीतिक संरक्षण दे रही है। श्री कश्यप ने कहा कि अवैध धर्मांतरण कराने में लगे लोगों के साथ तस्वीरें खिंचवाते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री उन्हें यह कहकर आश्वस्त करते हैं कि प्रदेश सरकार उनके (धर्मांतरण कराने वालों के) साथ है। बस्तर में मूल आदिवासियों और पुलिस पर धर्मांतरण कराने वाले और धर्मांतरित लोग हिंसक हमला कर रहे हैं, धर्मांतरण का विरोध करने पर लक्षित हत्या (टारगेट किलिंग) हो रही है, मूल आदिवासियों को बिना अपराध जेलों में ठूँस दिया गया है। ऐसे में आदिवासी संस्कृति की बातें करके प्रियंका वाड्रा ने आदिवासियों की भावनाओं का खुला मखौल उड़ाया है। श्री कश्यप ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार न तो आदिवासी संस्कृति का सम्मान कर रही है और न ही बस्तरिया जन का। प्रदेश सरकार आदिवासियों की पीड़ा, उनकी आवाज नहीं सुनने तक को तैयार नहीं है। प्रदेश में एक पूरा पहाड़ी कोरवा आदिवासी परिवार तंगहाली और भुखमरी के चलते आत्महत्या करने के लिए विवश हो गया लेकिन प्रदेश सरकार संवेदनहीनता से बाज नहीं आई। तो फिर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और प्रियंका वाड्रा किस भरोसे का बेसुरा राग आलाप रहे थे?क्या मुख्यमंत्री ने प्रियंका को बताया यहां 25 हजार शिशु स्वास्थ्य व्यवस्था के अभाव में दम तोड चुके है।

भाजपा प्रदेश महामंत्री कश्यप ने कहा कि बस्तर आज नक्सली आतंक से सहमा हुआ है। नित्य निर्दोष पुलिस जवानों, आदिवासियों, अधिकारियों-कर्मचारियों, युवाओं, जनप्रतिनिधियों के खून से बस्तर की धरती लाल हो रही है। प्रदेश सरकार एक ओर नक्सली नीति की शेखी बघार रही है, वहीं नक्सली ‘अब हमारी अपनी सरकार है’ कहकर तांडव मचा रहे हैं। श्री कश्यप ने कहा कि मुख्यमंत्री बघेल और प्रियंका वाड्रा को इस सवाल का जवाब देना होगा कि आदिवासी अस्मिता की डींगें हाँकते समय वे यह क्यों भूल जाते हैं कि पिछले साढ़े चार वर्षों में आदिवासियों के साथ जितने बलात्कार, हिंसा, हत्या समेत दीगर अपराध हुए हैं, इससे क्या आदिवासी अस्मिता दांव पर नहीं लगी? श्री कश्यप ने कहा कि तेंदूपत्ता संग्रहकों का पारिश्रमिक व बोनस और उनके बच्चों की छात्रवृत्ति रोक कर कांग्रेस की यह प्रदेश सरकार और उनकी सरपरस्त प्रियंका वाड्रा ने आदिवासी कल्याण का दावा किस मुँह से किया है?

भाजपा प्रदेश महामंत्री श्री कश्यप ने कहा कि प्रियंका वाड्रा ने प्रदेश सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ को आत्मनिर्भर बनाए जाने का स्तुतिगान तो कर लिया, लेकिन जरा अपने मुख्यमंत्री से यह जवाब तो तलब करतीं कि जन घोषणा पत्र में वादा करने के बावजूद स्व-सहायता समूह के कर्ज माफ करने की फुर्सत उनकी सरकार को अब तक क्यों नहीं मिली? क्यों आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं, मितानिनों, रसोइया संघ की माताओं-बहनों को अपने हक के लिए और कांग्रेस सरकार को उसके वादे याद दिलाने के लिए सड़क की लड़ाई लड़नी पड़ती है? 60 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं के एक हजार, 75 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं के डेढ़ हजार और विधवा पेंशन के हजार रुपए आज तक क्यों नहीं बँटे? श्री कश्यप ने कहा कि प्रदेश में महिला उत्पीड़न का शर्मनाक दौर चल रहा है, नित नए घोटाले उजागर हो रहे हैं। ये सब प्रदेश सरकार के कारनामों के वे काले अध्याय हैं जिनको प्रदेश की जनता आगामी विधानसभा चुनाव में बहुत ध्यान पढ़ रही है, समझ रही है और आगामी विधानसभा चुनाव में अपना करारा जवाब भी देगी।

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