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श्रीमद् भागवत महापुराण कथा ज्ञान सत्संग समारोह में पहुंचकर कथा श्रवण किया :रूपसिंग साहू…

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गरियाबंद जिला के ग्राम भेन्डरी( कोपरा)में साहू परिवार के अथक प्रयास से एवं कथावाचक पंडित त्रिभुवन शर्मा जी महाराज के सानिध्य में श्रीमद् भागवत महापुराण कथा ज्ञान सत्संग समारोह कार्यक्रम के सातवा दिन रूपसिंग साहू भाजपा नेता एवं सामाजिक कार्यकर्ता जिला गरियाबंद ने पहुंचकर कथा श्रवण किया साथ ही महाराज जी को श्रीफल व साल भेंट कर क्षेत्र के सुख शांति एवं समृद्धि के लिए आशीर्वाद मांगा, साहू द्वारा अतिथि उद्बोधन में कहा कि बड़ा सौभाग्य है इस ग्राम में आप सबके सहयोग से अयोध्या के स्वरूप में रूप में इस ग्राम को विकसित करने का काम किया गया है एवं राजा परीक्षित के मोक्षा का वर्णन किया परीक्षित मोक्ष की कथा सुन रहे श्रोता भाव विभोर हो गए एक बार राजा परीक्षित आखेट करते हुए वनों में काफी दूर चले गए उनको प्यास लगी पास तो ऋषि के आश्रम में पहुंचे और बोले रिसीवर मुझे पानी पिला दो लेकिन ऋषि में थे इसलिए पानी नहीं पिला सके परीक्षित ने सोचा इसने मेरा अपमान किया है इस पर राजा ने मरा हुआ सिर्फ ऋषि के गर्दन में डाल दिया ऋषि के बेटे को जानकारी हुई उन्होंन श्राप दिया कि जिसने गर्दन में सैप डाला है आज से सातवे दिन तक्षक नाग के काटने से उनकी मौत हो जाएगी ,ऋषि कोजब पता चला तो वो अपने दिव्य दृस्टि से देखा कि यह तो धर्मात्मा राजा परीक्षित है ओर यह अपराध इन्होंने कलयुग के वशीभूत होकर किया है । यह सूचना परीक्षित को दी कि आज से सातवे दिन तक्षक नामक सर्प तुम्हे डसेगा , यह सुनकर परीक्षित दुखी नहींहुई ओर अपना राज्य अपने पुत्र जन्मजय को सौप कर गंगा के तट पर पहुचे वहां पर बड़े – बड़े ऋषि मुनि देवता पहुचे ओर वहां सुख देव पहुचे । सुखदेव संसार मे भागवत का ज्ञान देने के लिए ही प्रकट हुए है ,मोक्ष को प्राप्ति कनलिये राजा को श्रीमतभागवत कथा सुनाई गई , राजा परीक्षित मोक्ष की कथा सुन दर्शक भाव विभोर हो गए ।
कार्यक्रम में शामिल बुधारू राम साहू,चमल लाल साहू,जुम्मन लाल साहू, भूषण साहू,मोहन साहू सरपंच ग्राम पंचायत भेन्डरी, श्याम गिरी गोस्वामी,जीत राम,विजय कुमार साहू,तुकाराम,मेघु राम ,भीखम,जंयत, राकेश , महेंद्र,नेमु,लाल बहादुर,दुष्यंत,श्रीमती सावित्री साहू, रीता साहू,कलाबाई, रूखमणी,टोमिन, जितेश्वरी, सरिता,केशर,वैदिका, झरना,जानकी , रेवती , श्यामलाल,संपत,संतु,जितेंद्र,तुलेश,राजेश, परमानंद,सहित लगभग 150 श्रद्धालु गण कथा श्रवण कर रहे थे ।

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