रायपुर/ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 2023 का एवं अपनी सरकार का अंतिम बजट पेश करते हुए एक बड़ा मास्टर स्ट्रोक खेला है। सीएम भूपेश ने चुनाव से पूर्व किए बहुत से वादों को पूरा करते हुए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ग्राम कोटवार, पटेलों, होमगार्ड्स आदि के मानदेय में वृद्धि एवं बेरोजगारों से किया हुआ वादा भी पूरा करते हुए बेरोजगारी भत्ता के लिए बजट में राशि का प्रावधान किया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस बार बड़ा मास्टर स्ट्रोक खेला है। प्रदेश की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाएं मानदेय बढ़ाने को लेकर के लगातार 40 दिन से अधिक समय तक सड़कों पर उग्र आंदोलन कर रही थी। इसे नारी शक्ति के सामने सरकार का झुकाव कहे हैं या 2023 के चुनाव के लिए बड़ी राजनीतिक बिसात क्योंकि इस बार के बजट में वादा निभाते हुए सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओ मानदेय में वृद्धि कर अपना वादा पूरा कर दिया है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं में खुशी का ठिकाना नहीं है, सभी सरकार को धन्यवाद ज्ञापित कर रहे हैं। वही बजट में होमगार्ड ग्राम पटेलों के भी मानदेय में वृद्धि की गई है। बेरोजगारों के लिए 2500 रुपए भत्ता देने के लिए भी बजट में प्रावधान किया गया है। 2023 के इस बजट को अगर देखा जाए तो समायोजित तरीके से इस बजट को पेश किया गया है जिसमें सभी वर्ग के हितों का ध्यान रखते हुए सरकार के द्वारा बजट पेश किया गया है जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पेयजल प्रधानमंत्री आवास, जैसे महत्वपूर्ण विषयों को लेकर राशि का प्रावधान किया गया है। प्रदेश में 4 नवीन मेडिकल कॉलेज मनेंद्रगढ़, गीदम, जांजगीर चांपा एवं कवर्धा जिला कबीरधाम में खोलने की घोषणा की गई । 101 नवीन स्वामी आत्मानंद स्कूलों सहित सभी 5 संभाग मुख्यालयों एवं रायगढ़ एवं राजनांदगांव में ओबीसी वर्ग के लिए छात्रावास निर्माण के लिए भी राशि का आवंटन किया गया है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के लिए 6800 करोड रुपए का प्रावधान भी किया गया है। रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए रिसर्च के क्षेत्र में फेलोशिप भी प्रदान किया जाएगा। पीएमटी की तैयारी कोटा में रहकर करने के छात्रों के लिए छात्रावास बनाया जाएगा।
बजट का विधानसभा चुनाव पर प्रभाव: कांग्रेस पार्टी के द्वारा 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले जन घोषणा पत्र में किए गए कुछ वादें पूरे कर लिए गए हैं और कुछ बड़े बाकी हैं। घोषणापत्र के प्रमुख भागों में से किसान की कर्ज माफी, समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी को पूरा कर लिया गया है। लेकिन अभी भी कुछ ऐसे बड़े वादे हैं जो अब तक सरकार ने पूरे नहीं किए हैं जो 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी का समीकरण बिगाड़ सकती है। जिसमें अनियमित कर्मचारियों का नियमितीकरण एवं शराबबंदी का वादा प्रमुख है।2018 के विधानसभा चुनाव में शराबबंदी का वादा एक महत्वपूर्ण मुद्दा था कांग्रेस पार्टी के द्वारा इसे जन घोषणा पत्र में शामिल किए जाने से इसका लाभ कांग्रेस पार्टी को मिला क्योंकि चुनाव से पूर्व प्रदेश की लाखों महिलाएं सड़कों पर शराबबंदी को लेकर के आंदोलन कर रही थी और कांग्रेस पार्टी के द्वारा जन घोषणा पत्र में शामिल किए जाने से उन सभी का वोट कांग्रेस पार्टी को प्राप्त हुआ था। सरकार बनने के 4 साल पूर्ण हो चुके हैं लेकिन शराबबंदी का वादा अभी तक पूरा नहीं किया गया है। अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण का मुद्दा भी महत्वपूर्ण मुद्दा है। क्योंकि प्रदेश में एक लाख से अधिक अनियमित कर्मचारी हैं जो लगातार नियमितीकरण की मांग उठा रहे हैं। इतनी बड़ी संख्या में अगर इन कर्मचारियों का वोट अगर किसी भी पार्टी को जाता है तो वह चुनाव में बड़ी बढ़त हासिल कर सकती है। अब देखना होगा कि इन बचे हुए वादों को सरकार क्या पूरा करेगी या इसके बिना ही 2023 के चुनावी संग्राम में उतरेगी।