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नवरात्री के पहले दिन लाए ये सामान, माना जाता है शुभ…सौभाग्य में होती है वृद्धि…

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शक्ति की देवी का महापर्व नवरात्रि आज से शुरू हो चुकी है, जो इस बार पूरे नौ दिन की रहेगी। ज्योतिषाचार्य के मुताबिक नवरात्रि के पहले दिन कुछ विशेष वस्तुएं घर लाने से मां दुर्गा प्रसन्न होती है और सालभर व्यक्ति को किसी चीज की कमी नहीं रहती है। नवरात्रि में मां लक्ष्मी, सरस्वती और देवी दुर्गा तीनों की पूजा होती है। पहले दिन देवी को पूजा में 16 श्रृंगार अर्पित किए जाते हैं। इस दिन श्रृंगार का सभी सामान खरीदने से सौभाग्य में वृद्धि होती है।

Navratri Me Shopping: नवरात्रि में मां दुर्गा के अशीर्वाद से महिलाओं को अखंड सौभाग्वती का वरदान मिलता है। नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 11:54 से दोपहर 12:42 है। मां दुर्गा के नौ दिन बहुत पवित्र होते हैं। पहले दिन शुभ मुहूर्त में शंखपुष्पी पौधे की जड़ घर ले आएं और इसे चांदी के डिब्बे रखकर तिजोरी या धन स्थान पर रख दें। इससे कभी पैसों की कमी नहीं आएगी। शारदीय नवरात्रि में मोर पंख घर लाना बहुत शुभ माना जाता है। इससे घर का वास्तु दुरुस्त होता है। इसकी विधिवत पूजा करने के इसे स्टडी रूम में रखने से बच्चों का मन विचलित नहीं होता और पढ़ाई में रूचि बढ़ती है। (Navratri Me Shopping)

बता दें कि सनातन धर्म में तुलसी को बहुत पूजनीय माना गया है। नवरात्रि सोमवार से ही शुरू हुई है। ऐसे में इस दिन घर शुभ मुहूर्त में तुलसी का पौधा घर लेकर आए, लेकिन इसे मंगलवार के दिन गमले में रोपें और विधिवत पूजा करें। शास्त्रों के मुताबिक सोमवार को तुलसी नहीं लगाना चाहिए। नवरात्रि का पहला दिन सोमवार है। इस दिन मां शैलपुत्री की पूजा होगी। ऐसे में इस दिन सफेद रंग की वस्तुएं जैसे सफेद वस्त्र, सफेद मिठाई, दूध, चावल खरीदना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इससे अन्न के भंडार कभी खाली नहीं होते। मां शैलपुत्री बहुत प्रसन्न होती हैं। (Navratri Me Shopping)

बता दें कि नवरात्रि का पहला दिन मां शैलपुत्री को समर्पित है। नवरात्रि के दिन कलश स्थापना के बाद मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। इस दिन स्थापना के बाद दुर्गासप्तशती का पाठ किया जाता है। धार्मिक शास्त्रों के मुताबिक कलश को भगवान गणेश का स्वरूप माना गया है। जैसे किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत गणेश जी से होती है वैसे ही पूजा में कलश पूजा से ही शुरुआत होती है। नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना के बाद मां शैलपुत्री की ये कथा श्रवण करने या सुनने से घर में सुख-समृद्धि आती है और मां शैलपुत्री का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

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