मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का विधानसभा क्षेत्र पाटन क्या जिला बनने जा रहा है? क्या अब छत्तीसगढ़ में 36 जिले होने वाले हैं? इन सवालों पर अब विराम लग गया है। खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यह कह दिया है कि चुनाव से पहले अब न तो नए जिले की घोषणा होगा और न पाटन जिला बनेगा। भाजपा ने इसे पाटन की जनता के साथ गलत बताया है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दो दिन पहले कुम्हारी सोनकर समाज के कार्यक्रम और गरियाबंद व राजिम दौरे पर निकले थे। इस दौरान उन्होंने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि जितना जिला बनाना था बना चुके हैं। हमने पांच जिले घोषित किए थे। अब उसके बाद वहां कार्यालय खोलना, पद स्वीकृत करना होगा। ये सब बड़े काम होने हैं। इसलिए चुनाव से पहले कोई नया जिला बनाने का सवाल ही नहीं उठता है। मुख्यमंत्री के इस जवाब से साफ हो गया है कि आने वाले विधानसभा चुनाव तक कोई भी नए जिले की घोषणा नहीं होगी। चुनाव के बाद जो भी पार्टी चुनाव जीतकर सरकार बनाएगी ये उसके ऊपर निर्भर करेगा कि वो नया जिला बनाने को लेकर क्या सोचती है।
भाजपा जिलाध्यक्ष ने कहा पाटन जिला जनता के हित में
भाजपा दुर्ग के जिलाध्यक्ष जितेंद्र वर्मा का कहना है कि पाटन का जिस तरीके से विकास हुआ है। जिस तरह से वहां की भौगोलिक परिस्थितियां है। उसे देखकर पाटन को जिला बनाया जाना जरूरी थी। पाटन क्षेत्र की जनता भी इसी उम्मीद में थी चुनाव से पहले उसे जिला घोषित किया जाएगा। यदि मुख्यमंत्री ने आगे जिला न बनाने की बात कही है तो ये पाटन की जनता के साथ गलत है।
कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने कहा कि सीएम का निर्णय सही
चरोदा नगर पालिक निगम के महापौर और कांग्रेस दुर्ग के जिलाध्यक्ष निर्मल कोसरे ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के इस फैसले को सही बताया है। उनका कहना है कि जिला बनाने में बड़ा स्टेब्लिसमेंट खर्च आता है। मुख्यमंत्री जो भी निर्णय लेते हैं वो जनता और राज्य के हित में होता है। उनका नया जिला न बनाने का फैसला भी सही और विवेकपूर्ण है।
छत्तीसगढ़ के 33 जिलों के नाम
छत्तीसगढ़ में वर्तमान में 5 संभाग और 33 जिले हैं। जिलों के नाम की बात करें तो उसमें कवर्धा जिला, कांकेर, कोरबा, कोरिया, जशपुर, जांजगीर-चाम्पा, मनेंद्रगढ-चिरमिरी-भरतपुर, सक्ती जिला, सारंगढ़-बिलाईगढ़, मोहला-मानपुर, दन्तेवाड़ा, दुर्ग, धमतरी, बिलासपुर, बस्तर, महासमुन्द, राजनांदगांव, रायगढ़, रायपुर, सरगुजा, बलौदाबाजार, बालोद, मुंगेली, बेमेतरा, सूरजपुर, गरियाबंद, सुकमा, बलरामपुर, कोंडागांव, नारायणपुर, बीजापुर, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही, खैरागढ़ छुईखदान गंडई आदि शामिल हैं।