नवापारा राजिम,वर्तमान में आरक्षण का मुद्दा ज्वलंत हो गया है। छ.ग. सरकार ने आरक्षण संशोधन विधेयक पारित कर छत्तीसगढ़ के सामाजिक संरचना की दृष्टि से एस.टी.32 प्रतिशत एस.सी.13 प्रतिशत, ओ.बी.सी 27 प्रतिशत एवं ई. डब्लू एस.- 4 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान कर राज्यपाल को भेजा गया है। जिस पर राज्यपाल द्वारा हस्ताक्षर नहीं किया जाना किसी भी दृष्टि से उचित प्रतित नही होता है। उक्ताशय की जानकारी देते हुए छत्तीसगढ़ प्रदेश साहू संघ के प्रदेश अध्यक्ष टहलसिंह साहू ने कहा कि सरकार जब आदिवासियों के साथ ओ.बी.सी की आरक्षण पर ध्यान दे रही है तो किसी को आपत्ति नहीं होना चाहिए। मंडल आयोग ने भी ओ. बी. सी. आरक्षण 27 प्रतिशत का प्रावधान किया है। वर्तमान में जब केन्द्र सरकार ने 27 प्रतिशत ओ.बी.सी. आरक्षण दे रही है तो छत्तीसगढ़ तो ओ.बी.सी. बाहूल्य राज्य है, यहां ओ.बी.सी. की आबादी 52 प्रतिशत है तो आरक्षण उसका लगभग आधा 27 प्रतिशत दिया जाना ओ.बी.सी. का हक भी है। राज्यपाल महोदया का यह कहा जाना और भी दुर्भाग्य जनक है कि मैंने केवल आदिवासी आरक्षण के लिए कहा था, यह पिछड़ा वर्ग का अपमान भी है।संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्ति को बहुसंख्यक समाज की भावना और अधिकार का भी ध्यान रखना चाहिए । ओ.बी.सी. समाज कभी भी आदिवासी आरक्षण का विरोध नहीं किया है इसलिए जब ओ.बी.सी. आरक्षण की बात आती है तो छ.ग. के बहुसंख्यक वर्ग के हित की भी चिंता करनी चाहिए । ओ.बी.सी. आरक्षण का मुख्य आधार शैक्षणिक और सामाजिक पिछड़ापन है जो आजादी के 75 वर्ष बाद भी व्याप्त है, अतः ओ.बी.सी. आरक्षण संवैधानिक हक है । राज्यपाल महोदया से आग्रह है कि छ.ग. के सामाजिक संरचना को ध्यान में रखकर आरक्षण बिल का अनुमोदन करें, यही जनभावना का सम्मान है सकारात्मक परिणाम नहीं होने पर अब ओ.बी.सी.सामाज चुप नहीं बैठकर साहू समाज ओ.बी.सी.का सबसे बड़ा हिस्सा है अतः बड़ा भाई का दायित्व निर्वहन करने के लिए इस आंदोलन का नेतृत्व भी करना पड़े तो पीछे नहीं हटेगें हम सामाजिक समरस्ता के पक्षधर है। सभी समाज प्रमुखों से निवेदन है कि इसमें सकारात्मक भूमिका निभायें ।
यदि आरक्षण पर कोई न्यायालयीन बात आती है तो हम तर्क संगत बात रखेगें, जब झारखण्ड राज्य 77 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान कर सकता है तो छत्तीसगढ में 76 प्रतिशत आरंक्षण पर क्यों तर्क-कुतर्क होना चाहिए ।अन्य विषयों पर बेवजह कुतर्क करने के बजाय हम सब को सभी दलों को तथा सर्वसमाज को समवेत रूप से प्रयास कर छत्तीसगढ़ को 9 वीं अनुसूचि में सम्मिलित कराने हेतु केन्द्र सरकार के समक्ष प्रयास करना चाहिए।यही इस समस्या का व्यापक एवं स्थायी समाधान होगा । अतः श्री साहू ने कहा कि साहू समाज का प्रमुख होने के नाते सबसे अनुरोध करता हूं कि आप ओ.बी. सी. के अधिकार के विषय पर सकारात्मक सोच के साथ सहयोग प्रदान करें ।