बुनियादी सुविधाओं सहित, स्वच्छता को लेकर पूरे देश में सरकारों द्वारा अनेक योजनाएं चलाई जा रही हैं। खासकर स्वच्छता को लेकर सरकार ज्यादा फोकस कर रही है। पूरे देश में स्वच्छता को लेकर पखवाड़ा कार्यक्रम भी चलाया जाता है। पूरे राज्य में प्रतिस्पर्धा आयोजित कर रैंकिंग भी जारी की जाती है। छत्तीसगढ़ इस प्रतिस्पर्धा में लगातार तीन बार प्रथम स्थान भी हासिल किया है। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। मामला रायपुर जिले के गोबरा नवापारा तहसील कार्यालय का है। तहसील कार्यालय में बुनियादी सुविधाओं का अभाव व्याप्त है। पूरे ऑफिस में आम लोगों के लिए किसी भी प्रकार की सुविधाएं विकसित नहीं की गई हैं। आम लोगों को ऑफिस के बाहर खुले आसमान के नीचे जमीन पर बैठकर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है। आम लोगों के लिए ऑफिस में न ही किसी प्रकार के शौचालय की व्यवस्था है और न ही पानी पीने के लिए पेयजल की व्यवस्था। यहां आने के बाद आम लोगों को अव्यवस्थाओं का सामना करना पड़ता है। तहसील कार्यालय में आसपास के क्षेत्र के लोग राजस्व सहित अन्य कार्यों को लेकर आते हैं। जहां पर किसी भी प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। कार्यालय में एक कमरे में प्रतीक्षालय लिखा हुआ है किंतु अंदर से जाकर देखने पर वहां पर निर्माण कार्य की सामग्री बिखरी पड़ी हुई है, जहां पर सीमेंट छड़ इत्यादि रखा हुआ है। तहसील भवन कार्यालय के पीछे नवीन भवन का निर्माण हो रहा है जिसमें ठेकेदार के द्वारा निर्माण कार्य संबंधी सूचना पटल भी नहीं है।जिसमें निर्माण से संबंधित एजेंसी का नाम और निर्माण सहित पूर्ण करने की तिथि लिखी हुई होती है।
आम लोगों को पीने के लिए व्याकुल होकर प्यास से इधर-उधर भटकना पड़ता है। शौचालय की व्यवस्था ना होने के कारण लोग इधर-उधर भटकते रहते हैं और खुले वाले स्थान पर मूत्र विसर्जन करते हैं जिसे चारों ओर गंदगी का आलम बना हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा पूरे देश में स्वच्छता को लेकर के बड़ा अभियान चलाया जा रहा है। ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ प्रदेश बीते वर्षों में लगातार तीन वर्ष तक स्वच्छता को लेकर पूरे देश भर में प्रथम स्थान प्राप्त किया है बावजूद जिसके गोबरा नवापारा तहसील कार्यालय में स्वच्छता को लेकर के किसी भी प्रकार की व्यवस्था दिखाई नहीं पड़ती है। यह दुर्भाग्य का विषय है जिस कार्यालय से शासन की समस्त गतिविधियां संचालित होती है वहीं स्वच्छता को लेकर किसी भी प्रकार की सुविधा विकसित नहीं की गई है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत पूरे देश के हर परिवार को शौचालय की सुविधा प्रदान की गई है लेकिन हंसी की बात यह है कि सरकारी कार्यालयों में ही शौचालय की सुविधा नहीं है। कार्यालय में अव्यवस्थाओं को लेकर के तहसीलदार से संवाददाता के द्वारा संपर्क करने की कोशिश की गई किंतु उनके द्वारा फोन नहीं उठाया गया।