रायपुर में जारी भारतीय जनता पार्टी का धरना अब खत्म कर दिया गया है। ये धरना साइंस कॉलेज के पास बन रहे यूथ हब के विरोध में था। पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने दावा किया था कि यूथ हब के नाम पर यहां नगर निगम चौपाटी बनाकर माहौल बिगाड़ने का प्रयास कर रहा है। इसी के विरोध में यहां धरना प्रदर्शन किया जा रहा था। पूर्व मंत्री मूणत धरना स्थल पर ही रात बिता रहे थे।
शनिवार को साइंस कॉलेज ग्राउंड के पास जारी इस धरने में भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ रमन सिंह पहुंचे। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में केंद्रीय मंत्री की ओर से जांच का भरोसा मिला है, इसलिए ये धरना स्थगित किया जा रहा है। शहरी विकास मंत्रालय के मंत्री हरदीप पुरी ने जांच की बात कही है, दोषियों को सजा दी जाएगी। डॉ रमन सिंह ने कहा हालांकि शहर में जारी प्रशासनिक भ्रष्टाचार के खिलाफ भाजपा विरोध करती रहेगी।
निगम का काम स्मार्ट सिटी लिमिटेड से
हाल ही में भाजपा के नेता पूर्व मंत्री राजेश मूणत और पार्षदों का प्रतिनिधी मंडल दिल्ली गया था। वहां केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी से शिकायत की गई है। भाजपा प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि पूर्व में यह कहा गया था कि स्मार्ट सिटी के अन्तर्गत ए.बी.डी. एरिया में कार्य किया जायेगा। कुछ समय पश्चात ए.बी.डी. एरिया के बाहर छोटे- छोटे कार्यों को, जो कि नगर निगम के स्तर का था, महापौर के दबाव में स्मार्ट सिटी के अधिकारी करने लग गये। जिसकी जानकारी जनप्रतिनिधियों को नहीं दी गई। बहुत ही छोटे – छोटे चौक चौराहों के सौन्दर्यीकरण पर करोड़ों का खर्चा दर्शाया जा रहा है, जो कि नामुमकिन है। बार बार शिकायत करने के बावजूद भी कार्यों में गंभीरता नहीं दिखाई गई।
इन कामों में गड़बडी, केंद्रीय मंत्री को दी गई लिस्ट
1.प्रोजेक्ट का नाम 36 गढ़ी है जिसमें 80 लाख रुपये का खर्च बताया जा रहा है। इसके लिए चुने हुए जनप्रतिनिधियों से आज तक स्मार्ट सिटी के किसी भी अधिकारियों ने चर्चा नहीं की है।
2.गार्डन में मटरगस्ती नामक प्रोजेक्ट में 50 लाख रुपये बर्बाद कर दिया गया।
3.लगभग 7.50 करोड़ रुपये से शहर के तेलीबांधा तालाब को संवारा गया और प्राइवेट एजेंसी को व्यापार करने के लिए दे दिया गया।
4.स्मार्ट टाइलेट करोड़ों रुपये के बनाये गये हैं। जिसमें एक भी संचालित नहीं है।
5.मोतीबाग उद्यान जिसमें 3.5 करोड़ रुपये का खर्च बताया जा रहा है। कुछ नहीं हुआ।
6.आई.टी.एम.एस. इंटेलीजेंट मैंनेजमेंट सिस्टम में 209.13 करोड़ रुपये खर्च किए। जिसमें अत्यन्त गड़बड़ी हैं, जिसमें बिना सर्वे किए हुए लगाए सिग्नल को बन्द कर दिया गया है, जो करोड़ों के हैं। 210 करोड़ रुपये खर्चा करने के बावजूद भी यातायात व्यवस्था नहीं सुधरी और तो और अपराध भी बढ़ गए हैं।
7.अंडर ग्राउंड बिन्स-5 करोड़ रुपये के लगभग खराब हो चुके हैं।
8.ईवेंट एजेंसी (पी.आर.एजेसी) को 80 लाख रुपये स्वीकृत हैं।
9.93 लाख का भवन रिनोवेट कराया गया था। जबकि स्मार्ट सिटी का ऑफिस अन्यत्र स्थान से संचालित हो रहा है।
10. 2 करोड़ का प्लेस मेकिंग कार्य का खर्च दिखाया जा रहा हैं। जो कि 14 फायनेंस के मद से भी किया गया है।
11.29 करोड़ के सुविधाहीन मल्टीलेबल पार्किंग खोले गये।
12.लगभग 8 करोड़ की लागत से प्लांटेशन किये गये जो कि देखरेख के आभाव में अधिकांशतः मर गये हैं। इसका जिम्मेदार कौन है?
13. वार्डों के अंदर अपने लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए लैंडस्कैपिंग कार्य करवाया गया। जो कि नगर निगम के स्तर का कार्य है।
14. तालाब में 5 करोड़ 24 लाख की लागत से म्यूजिकल फाउंटेन लगाया गया जो कि चलता ही नहीं है और भुगतान पूरा कर दिया गया है।
15.एक छोटे से तालाब में 35 करोड़ रुपये खर्च कर दिए गए और बच्चों के स्कूल आने जाने के मार्ग को बंद कर दिया गया।
16.24 करोड़ रुपये की अवैध चौपाटी जिससे शहर कि जनता सबसे ज्यादा परेशान है। शहर के जी.ई. रोड़ में 65 गुमटीनुमा दुकान लगा कर माहौल खराब करने की तैयारी है। जब इस प्रोजेक्ट को बनाया गया था। तब यह कुछ और था जिसमें यूथ हब के नाम से स्टुडेंट के लिए वाकिंग ट्रैक और स्पोर्ट्स एक्टिविटी, ओपन थियेटर, डिस्कशन पॉइंट का प्रवधान था। जिसे वर्तमान में सिर्फ चौपाटी तक सीमित कर दिया गया है।
17.निर्माणाधीन 129 परियोजना में अनेक काम प्रारंभ भी नहीं हुए हैं, पर भारत सरकार से फंडिग लेने के लिए 80 से 90 प्रतिशत कार्य को पूर्ण बताया जा रहा है।
क्यों यूथ हब का विरोध कर रहे मूणत
पूर्व मंत्री राजेश मूणत का दावा है कि साइंस कॉलेज ग्राउंड पर सड़क किनारे चौपाटी बनाना अवैध है। छोटे ,गरीब ठेले, खोमचे वालों की रोजी रोटी छीनने की साजिश है। कांग्रेस ने तेलीबांधा तालाब में चौपाटी खोलकर उस स्थान का व्यवसायीकरण कर दिया, वही खेल रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय समेत सम्पूर्ण एजुकेशन