रायपुर. शासकीय योजनाओं में गड़बड़ी का मामला सामने आने के बाद 4 अस्पतालों को निलंबित कर दिया गया है. साथ ही जुर्माना भी लगाया गया है. दरअसल, आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजनांतर्गत पंजीकृत अस्पतालों का ऑनलाइन सिस्टम के माध्यम से इलाज लेने वाले मरीजों का ऑडिट किया जाता है. ऑडिट के दौरान कुछ अनुबंधित निजी अस्पतालों में गड़बड़ियां पाई गई थी. ऐसे रायपुर और बिलासपुर के पांच अस्पतालों के खिलाफ निलंबन और अर्थदण्ड की कार्रवाई की गई है.
संचालक स्वास्थ्य सेवाएं सह मुख्य कार्यपालन अधिकारी आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना राज्य नोडल एजेंसी रायपुर के द्वारा ऑडिट में गड़बड़ी पाए जाने वाले अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश जारी कर दिया गया है. रायपुर का अंजली नर्सिंग होम, माहेर हॉस्पिटल और शॉह नर्सिंग होम समेत बिलासपुर का श्रीबालाजी हॉस्पिटल के साथ रायपुर के रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल के खिलाफ कार्रवाई की गई है.
इन हॉस्पिटल पर हुई कार्रवाई
बिलासपुर के श्रीबालाजी हॉस्पिटल को एक साल के लिये निलंबित, नवापारा रायपुर के अंजली नर्सिंग होम के खिलाफ तीन लाख का अर्थदण्ड और एक साल का निलंबन, नवापारा रायपुर के ही माहेर हॉस्पिटल के खिलाफ पांच लाख का अर्थदण्ड और एक साल का निलंबन, नवापारा रायपुर के ही शॉह नर्सिंग होम के खिलाफ तीन लाख का अर्थदण्ड और एक साल के निलंबन की कार्रवाई हुई है. इसके अलावा रायपुर पचपेड़ी नाका स्थित रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल के खिलाफ योजनांतर्गत उपचारित मरीजों से अतिरिक्त राशि लिये जाने के मामले में राशि 6,16,834/- का अर्थदण्ड लिया गया है. साथ ही इतनी ही राशि संबंधित मरीजों को वापस दिलाई गई है.
टोल फ्री नंबर में करें शिकायत
योजनांतर्गत पंजीकृत अस्पतालों में किसी भी तरह की दिक्कत होने पर मरीज या उसके परिजन सीधे टोल फ्री नंबर 104 या 14555 में शिकायत कर सकते हैं. शिकायत के आधार पर त्वरित कार्रवाई की जाती है. इसके अलावा उपचारित मरीजों की ऑनलाइन सॉफ़्टवेयर में उपलब्ध डेटा का ऑडिट भी लगातार संबंधित चिकित्सकों के द्वारा किया जाता रहता है. इसके आधार पर भी राज्य नोडल एजेंसी रायपुर द्वारा समय-समय पर कार्रवाई की जाती है, जिससे मरीजों को निःशुल्क और समुचित उपचार मिल सके.