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ढोल नंगाड़ों की थाप में जमकर झूमे भक्त, राजीव लोचन प्रांगण में धूम धाम से मनाई गई होली

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राजिम :–छत्तीसगढ़ के प्रयाग राजिम में भगवान श्री राजीव लोचन के साथ होली खेलने के लिए मंगलवार को राजनेता सहित स्थानीय जन प्रतिनिधियों के अलावा बड़ी संख्या में शहर के लोग एवं आसपास के दर्जनों गांवों के श्रद्धालुगण पहुंचे थे। विशाल मंदिर परिसर भक्तों, होलियारों और श्रद्धालुओं की भीड़़ भरा था। भीड़ में हर किसी का चेहरा गुलाल के विभिन्न रंगों से रंगा हुआ था। एक तरफ मंदिर के आंगन में परंपरा के मुताबिक नगाड़ों की थाप पर हर वर्ग के लागों के पैर जहां थिरक रहे थे। वहीं रंग बिरंगे गुलाल के बौछारों से पूरा वातावरण रंगीन नजर आ रहा था। भगवान श्रीराजीव लोचन मंदिर परिसर में होली खेलने राजनेताओं में प्रथम पंचायत मंत्री एवं राजिम विधायक अमितेष शुक्ला, पूर्व विधायक संतोष उपाध्याय, जिला पंचायत सदस्य द्वय रोहित साहू, चंद्रशेखर साहू, राजिम भक्तिन मंदिर समिति के अध्यक्ष लाला साहू आदि मौजूद थे। मंदिर में भीड़ की स्थिति को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था पुलिस के जवानों ने संभाली हुए थी ।



*मंदिर में रही बेतहाशा भीड़ ..*

भगवान श्री राजीव लोचन का श्रृंगार साक्षात श्रीकृष्ण जी के रूप में किया गया था, जो काफी आकर्षक लग रहा था। भक्तों की लाईन दोपहर 3 बजे के बाद से देर शाम तक लगी रही। सभी भक्त भगवान की ओर गुलाल उड़ाकर, दर्शन पाकर अपने आपको धन्य मान रहे थे। बड़ी संख्या में मंदिर पहुंची महिलाओं और युवतियों की टीम भी आपस में एक-दूसरे के गालों पर गुलाल लगाकर सेल्फी लेकर मजा ले रही थी। हर किसी का चेहरा विभिन्न प्रकार के गुलाल लाल, गुलाबी, हरा, नीला, पीला, केसरिया जैसे रंगों से रंगा हुआ था। परिसर में फाग गीतों और नगाड़े की थाप पर ठुमके लगाने वालों की भारी भीड़ थी। युवा वर्ग ठुमके में मस्त नजर आ रहे थे। मंदिर में उड़ते रंग-गुलाल का शानदार दृश्य, मौजूद कई हजारों की भीड़ को रोमांचित कर रहा था।
*भगवान और भक्तों के बीच होली खेलने की है परंपरा*

श्री राजीव लोचन मंदिर प्रांगण में शाम को अनोखा दृष्य उस वक्त देखने को मिलता है, जब भगवान गर्भगृह से बाहर श्रद्धालुओं के साथ रंग-गुलाल खेलने के लिए बाहर निकलते है। यह क्षण मंदिर परिसर में मौजूद हजारों लोगों के लिये बड़ा ही सुखद अवसर होता है। लोगों की भीड़ अधिक होने के कारण अधिकांश लोगों को दूर रहकर ही दर्शन करना पड़ता है। भगवान श्री राजीव लोचन जी का होली के दिन विशेष श्रृंगार किया जाता है। मंदिर ट्रस्ट कमेटी से मिली जानकारी के मुताबिक प्राचीन काल से मंदिर में भगवान और भक्तों के बीच होली खेलने की परंपरा है, यह अवसर वर्ष में केवल एक बार आता है। इसलिए लोगों को इसका बेसब्री से इंतजार रहता है। इसी बहाने एक-दूसरे के साथ मेल मिलाप आसानी से हो जाता है और उत्साह के साथ गुलाल से होली खेलते है। हजारों श्रद्धालुगणों ने इस बार भी जैसे ही भगवान की पालकी बाहर निकली, तो रंग-बिरंगी गुलाल उड़ाना शुरू कर दिये जो काफी समय तक चलता रहा।

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